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नवीन जानकारी

Khelkood Viewed times
कानपुर प्रान्त द्वारा आयोजित प्रधानाचार्य वार्षिक कार्ययोजना एवम् समीक्षा बैठक दिनांक 28 , 29 एवम् 30 -03-2019 को स.वि.मं.दामोदर नगर , कानपुर Viewed times
विद्या भारती पूर्वी उ०प्र० द्वारा आयोजित कुम्भ दर्शन I Viewed times
विद्या भारती पूर्वी उ०प्र० द्वारा आयोजित कुम्भ दर्शन I Viewed times
विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित कुम्भ दर्शन I Viewed times
विद्या भारती पूर्वी उ०प्र० द्वारा आयोजित कुम्भ दर्शन Viewed times
यूपी बोर्ड हाई स्कूल टाइम टेबल 2019 Viewed times
यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट टाइम टेबल 2019 Viewed times
स्वामी विवेकानन्द जयंती के अवसर पर रघुवर प्रसाद जायसवाल सरस्वती शिशु मंदिर.............. Viewed times
स्वावलंबी पूर्व छात्र सम्मेलन दिनांक- 12-01-2019 को सरस्वतीकुञ्ज, निरालानगर, लखनऊ में आयोजित हुआ I Viewed times
स्वावलंबी पूर्व छात्र सम्मेलन दिनांक- 12-01-2019 को सरस्वतीकुञ्ज, निरालानगर, लखनऊ में आयोजित हुआ I Viewed times
संगीत कार्यशाला दिनांक-27 से 29 दिसम्बर 2018 तक सरस्वतीकुञ्ज, निरालानगर, लखनऊ में संपन्न हुई I Viewed times
सांस्कृतिक कार्यक्रम सेक्टर क्यू अलीगंज लखनऊ Viewed times
पुरातन छात्र परिषद् Viewed times
वृत्त 2018-19 विद्या भारती पूर्वी उ०प्र० Chennai Baithak Viewed times
कपिलवस्तु महोत्सव Viewed times
Rashtriya Jhanda Diwas Viewed times
रघुवर प्रसाद जायसवाल सरस्वती शिशु मंदिर इण्टर कालेज, सिद्धार्थ नगर Viewed times
संस्कार केंद्र Viewed times
अनिल सरस्वती विद्यमंदिर में बाल दिवस पर सम्पन्न हुई विभिन्न प्रतियोगिताएँ। Viewed times
अनिल सरस्वती विद्या मंदिर फ़ैज़ाबाद की बहनो ने आत्म रक्षा की तैयारी नियुद्ध द्वारा। Viewed times
विद्या भारती कार्यकर्ता प्रशिक्षण रचना Viewed times
रघुवर प्रसाद जायसवाल सरस्वती शिशु मंदिर इण्टर कालेज, सिद्धार्थ नगर में "यातायात जागरुकता माह" Viewed times
Rashtriya Bal Vigyan Karykram, Siddharthnagar Viewed times
प्रचार-विभाग की कार्यशाला दिनांक-22, 23 दिसम्बर 2018 Viewed times
Atal Tinkring Yojna Viewed times
अखिल भारतीय संस्कृति महोत्सव............ Viewed times
स्वर्गीय कृष्णचन्द्र गाँधी जी की पूण्यतिथि पर...................... Viewed times
Nibandh & Bhashan Pratiyogita Viewed times
Learning Outcome Viewed times
राष्ट्रीय खेलकूद समारोह 2018 के समस्त फोटो......................... Viewed times
आचार्या पुनश्चर्या वर्ग निराला नगर लखनऊके उद्घाटन सत्र में डाक्टर जय प्रताप सिंह जी क्षेत्रीय मंत्री विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र का प्रेरणादायी पाथेय प्राप्त हुआ । इस वर्ग में कुल 45 आचार्या बहनें प्रतिभागी हैं । Viewed times
विद्या भारती का राष्ट्रीय खेलकूद समारोह 2018 दिनांक-29 अक्टूबर से 02 नवम्बर २०१८ तक 35वीं वाहिनी पी.ए.सी. ग्राउंड महानगर लखनऊ में संपन्न हुआ I Viewed times
विद्या भारती का राष्ट्रीय खेलकूद समारोह 2018 दिनांक-29 अक्टूबर से 02 नवम्बर २०१८ तक 35वीं वाहिनी पी.ए.सी. ग्राउंड महानगर लखनऊ में संपन्न हुआ I Viewed times
विद्या भारती का राष्ट्रीय खेलकूद समारोह 2018 दिनांक-29 अक्टूबर से 02 नवम्बर २०१८ तक 35वीं वाहिनी पी.ए.सी. ग्राउंड महानगर लखनऊ में संपन्न हुआ I Viewed times
विद्या भारती का राष्ट्रीय खेलकूद समारोह 2018 दिनांक-29 अक्टूबर से 02 नवम्बर २०१८ तक 35वीं वाहिनी पी.ए.सी. ग्राउंड महानगर लखनऊ में संपन्न हुआ I Viewed times
विद्या भारती का राष्ट्रीय खेलकूद समारोह 2018 दिनांक-29 अक्टूबर से 02 नवम्बर २०१८ तक 35वीं वाहिनी पी.ए.सी. ग्राउंड महानगर लखनऊ में संपन्न हुआ I Viewed times
विद्या भारती पूर्वी उ०प्र० क्षेत्र द्वारा आयोजित 31 वां क्षेत्रीय खेलकूद समारोह 2018 दिनांक- 11-oct-2018 से 13-oct-2018 तक, मदन मोहन मालवीय स्टेडियम, इलाहाबाद में सम्पन्न होगा I Viewed times
सरस्वती कुंज निराला नगर लखनऊ में चल रहे विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के 10 दिवसीय क्षेत्रीय पुनश्चर्या कार्यक्रम तृतीय चक्र में विद्या भारती के लक्ष्य पर प्रशिक्षार्थियों का मार्ग दर्शन करते क्षेत्रीय संगठन मन्त्री माननीय डोमेश्वर साहू जी Viewed times
सरस्वती कुंज निराला नगर लखनऊ विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के 10 दिवसीय क्षेत्रीय पुनश्चर्या कार्यक्रम में भारतीय चिंतन के अनुरुप हमारी जीवन शैली विषय पर प्रशिक्षार्थियों का मार्ग दर्शन करते विद्या भारती के राष्ट्रीय मन्त्री माननीय श्री शिव कुमार जी Viewed times
आज दिनांक 26-09-2018 को शिशु मंदिर पक्की बाग में नये भवन के शिलान्यास, आदरणीय शिव प्रताप शुक्ल जी जो भारत सरकार में वित्त राज्य मंत्री है, के द्वारा हुआ I Viewed times
ज्वाला देवी सिविल लाइन्स में हिंदी पखवाड़ा के अवसर पर हिंदी निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसका शीर्षक ''राज भाषा राष्ट्र भाषा'' था Viewed times
ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज सिविल लाइन्स बना कबड्डी का राष्ट्रीय चैंपियन उससे सम्बंधित विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार Viewed times
क्षेत्रीय खेलकूद प्रतियोगिता 2018 Viewed times
विद्या भारती पूर्वी उ०प्र० क्षेत्र की कार्यसमिति की सूचि 2018 Viewed times
आचार्य पुनश्चर्या वर्ग की तिथियाँ I Viewed times
मा० जे०एम० काशीपति जी का प्रवास Viewed times
विद्या भारती पूर्वी उ०प्र० द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह 2018, दिनांक- 05-08-2018 को स्थान- के०पी० ग्राउंड, इलाहाबाद में संपन्न हुआ कार्क्रम से सम्बंधित फोटो देखने के लिए Link पर click करें - Viewed times
विद्या भारती पूर्वी उ०प्र० द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह 2018, दिनांक- 05-08-2018 को स्थान- के०पी० ग्राउंड, इलाहाबाद में संपन्न होगा I इस सम्मान समारोह में प्रतिभाग करने वाले छात्र / छात्राओं की सूची I Viewed times
विद्या भारती पूर्वी उ०प्र० द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह, दिनांक- 05-08-2018 को स्थान- ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर परिसर, सिविल लाइन्स, प्रयाग (इलाहाबाद) में संपन्न होगा I Viewed times
ज्वाला देवी के अंकित को देश में तीसरा स्थान Viewed times
ज्वाला देवी सिविल लाइन्स में हुआ प्रधानाचार्य पुनश्चर्या वर्ग का प्रारंभ Viewed times
दिनांक 25-05-18 को वन्दना सत्र में मा श्री राम अरावकर जी राष्ट्रीय सह संगठन मन्त्री द्वारा विद्याभारती के क्रियाकलाप- आधारभूत विषय,केन्द्रिय/क्षेत्रीय कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में प्रधानाचार्य की भूमिका पर प्रभावी मार्गदर्शन प्राप्त हुआ । Viewed times
Vidhyabharti kashi prant ke pradhanacharyon, balika shiksha evam shishu vatika pramukho ki vaithak 2018_19 maananiya domeshwar sahu ji ka karyayojna vindyon par udbhodan Viewed times
भारतीय शिक्षा समिति काशी प्रदेश प्रधानाचार्य योजना बैठक समापन के अवसर पर क्षेत्रीय मंत्री मा. जय प्रताप सिंह एवम् मा.कंचन सिंह का पाथेय प्राप्त हुआ Viewed times
सरस्वती विद्या मंदिर इन्टर कॉलेज, श्याम नगर, फर्रुखाबाद में विद्या भारती कानपुर प्रान्त द्वारा आयोजित प्रधानाचार्य पुनश्चर्या वर्ग 2018 के उद्घाटन सत्र में प्रधानाचार्य बंधुओं को क्षेत्रीय मंत्री डॉ. जय प्रताप सिंह जी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ. Viewed times
विद्याभारती गोरक्षप्रान्त के पुनश्चर्या वर्ग में डॉ जयप्रताप सिंह जी मंत्री विद्याभारती पूर्वी उत्तर प्रदेश एवम प्रो0 के0 एन0 सिंह कुलपति राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय का मार्ग दर्शन प्राप्त हुआ। Viewed times
प्रधानाचार्य पुनश्चर्या वर्ग निराला नगर लखनऊ द्वितीय दिवस में माननीय क्षेत्रीय मंत्री डाक्टर जय प्रताप सिंह जी एवं प्रोफेसर लक्ष्मीकांत सिंह जी को सम्मानित करते श्री राजकुमार सिंह जी प्रदेश निरीक्षक जन शिक्षा समिति अवध प्रदेश। Viewed times
प्रधानाचार्य पुनश्चर्या वर्ग निराला नगर लखनऊ के समापन सत्र में हस्तलिखित पत्रिका का विमोचन करते हुए माननीय क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्रीमान डोमेश्वर साहू जी एवं क्षेत्रीय मंत्री श्रीमान जय प्रताप सिंह जी। Viewed times
सरस्वती विद्या मंदिर दतिया की पूर्व छात्रा बहिन प्राची कौरव ने सिविल जज की परीक्षा उत्तीर्ण करने पर बहिन को बहुत बहुत बधाई शुभकामनाएँ। Viewed times
विद्याभारती काशी प्रान्त द्वारा आयोजित प्रधानाचार्य पुनश्चर्या वर्ग में दिनांक २० मई २०१८ को चतुर्थ बेला में भारतीय शिक्षा परिषद् के सचिव माननीय दिनेश कुमार सिंह जी द्वारा प्रधानचार्यों के समक्ष क्रियाशोध विषय पर अपना उद्बोधन पीपीटी के माध्यम से किया Viewed times
UP Board Result 2017-18 Viewed times
विद्या भारती पूर्वी उ०प्र० क्षेत्र की कार्यसमिति की सूची Viewed times
समुत्कर्षा बालिका शिविर के फोटो देखने हेतु क्लिक करें I https://drive.google.com/file/d/1y4o361oLerpRnCvPvSHNIMzIJfNMmg78/view?usp=sharing Viewed times
सरस्वती बालिका विद्या मंदिर जानकीपुरम सेक्टर आई, लखनऊ का उद्घाटन दिनांक- 09-3-2018 को माननीय राज्यपाल उत्तर प्रदेश, लखनऊ महापौर तथा विद्या भारती पूर्वी उ०प्र० क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री माननीय डोमेश्वर साहू जी द्वारा सम्पन्न हुआ I Viewed times
Samutkarsha Shivir Vigyapti Viewed times
दिनांक 17-1-18 को समुत्कर्षा, शिविर की तैयारी में लखनऊ की पत्रकार वार्ता को संबोधित करते क्षेत्रीय संगठन मंत्री माननीय डोमेश्वर साहू जी व् क्षेत्रीय मंत्री श्री रामकृष्ण चतुर्वेदी जी विस्तृत जानकारी के लिए दिनांक- 18-1-18 के दैनिक जागरण लखनऊ देखें Viewed 305 times
समुत्कर्षा बालिका शिविर योग अभिनय सहित vedio देखने के लिए पत्र में दी गई लिंक पर click करें Viewed 533 times
समुत्कर्षा बालिका शिविर गीत अभिनय सहित vedio देखने के लिए पत्र में दी गई लिंक पर click करें Viewed 454 times
विद्या भारती पूर्वी उ.प्र. द्वारा समुत्कर्षा बालिका शिविर की बैठक के सम्बन्ध में Viewed 338 times
वृत्त 2017-18 विद्या भारती पूर्वी उ.प्र. क्षेत्र Viewed 1588 times
वृत्त 2017-18 (प्रान्तवाइज) विद्या भारती पूर्वी उ.प्र. क्षेत्र Viewed 1419 times
समुत्कर्षा बालिका शिविर में 15000 छात्राएं लेंगी भाग ------click here Viewed 338 times
विद्या भारती पूर्वी उ.प्र. द्वारा आयोजित राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा गोष्ठी का शुभारम्भ दिनांक 19 दिसम्बर 2017 को विद्या भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री जे.एम. काशीपति जी किया अधिक जानकारी के लिए ..............click here Viewed 328 times
विद्या भारती द्वारा आयोजित नेशनल कुस्ती में अमन ने गोल्ड प्राप्त किया जिसके लिए क्षेत्रीय कार्यालय निराला नगर, लखनऊ की ओर से अमन शर्मा को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं । Viewed 278 times
RSS Backed body to hold camp for 15 kg girls at allahabad . Viewed 329 times
पूर्णकालिक अभ्यास वर्ग Viewed 304 times
राष्ट्रीय प्रतियोगिता परिणाम २०१६-१७ Viewed 244 times
विद्या भारती अखिल भारती शिक्षा संसथान द्वारा आयोजित 29वां राष्ट्रीय खेलकूद समारोह २०१६ Viewed 244 times
क्षेत्रीय खेलकूद समारोह २०१६ Viewed 277 times
संपन्न कार्यक्रम Viewed 242 times
बालिका शिक्षा कार्यक्रम Viewed 255 times
प्रांतीय मेला 2016-17 Viewed 228 times
क्षेत्रीय विज्ञान मेला एवम् खेलकूद प्रतियोगिता की तिथियाँ Viewed 264 times
प्रांतीय खेलकूद की तिथियाँ Viewed 232 times
क्षेत्रीय आंकलनकर्ता प्रशिक्षण कार्यक्रम Viewed 230 times
वृत्त 2016-17 Viewed 1591 times
आगामी कार्यक्रम २०१६-१७ की आवश्यक सूचना Viewed 219 times
विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र की पूर्णकालिक बैठक की सूचना Viewed 1428 times
विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र की पूर्णकालिक बैठक की सूचना Viewed 1447 times
विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश द्वारा सत्र २०१६-१७ के वार्षिक एवं मासिक गीत Viewed 226 times
विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश द्वारा सत्र २०१६-१७ के वार्षिक एवं मासिक गीत Viewed 225 times
विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश द्वारा सत्र २०१६-१७ के वार्षिक एवं मासिक गीत Viewed 225 times
विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश द्वारा सत्र २०१६-१७ के वार्षिक एवं मासिक गीत Viewed 225 times
विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश द्वारा सत्र २०१६-१७ के वार्षिक एवं मासिक गीत Viewed 225 times
विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश द्वारा सत्र २०१६-१७ के वार्षिक एवं मासिक गीत Viewed 225 times
विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश द्वारा सत्र २०१६-१७ के वार्षिक एवं मासिक गीत Viewed 228 times
विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश द्वारा सत्र २०१६-१७ के वार्षिक एवं मासिक गीत Viewed 224 times
विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश द्वारा सत्र २०१६-१७ के वार्षिक एवं मासिक गीत Viewed 225 times
विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश द्वारा सत्र २०१६-१७ के वार्षिक एवं मासिक गीत Viewed 223 times
विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश द्वारा सत्र २०१६-१७ के वार्षिक एवं मासिक गीत Viewed 233 times
बालिका शिक्षा Viewed 274 times
karyakarini list vidyabharti purvi up Viewed 1558 times
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भारत Viewed 240 times

पूर्वी उत्तर प्रदेश

  • हमारा लक्ष्य

    इस प्रकार की शिक्षा प्रणाली का विकास करना जिसके द्वारा एसी युवा पीड़ी का निर्माण हो सके जो हिंदुत्वनिष्ठ एवं राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत हो,

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    हमारा लक्ष्य

    शारीरिक, प्राणिक, मानसिक, बौद्धिक एवं अध्यात्मिक दृष्टि से पूर्ण विकसित हो तथा जो जीवन की वर्तमान चुनोतियों का सामना सफलतापूर्वक कर सके

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    हमारा लक्ष्य

    और उसका जीवन ग्रामों, वनों, गिरिकन्दराओ एवं झुग्गी - झोपड़ियों में निवास करने वाले दीन-दु:खी अभावग्रस्त अपने बान्धवों को

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    हमारा लक्ष्य

    सामाजिक कुरीतियों, शोषण एवं अन्याय से मुक्त कराकर राष्ट्र जीवन को समरस, सुसंपन्न एवं सुसंस्कृत बनाने के लिए समर्पित हो |

समाचार

प्रधानाचार्य बैठक - 26,27अप्रैल२०१७ स्थान -तेतरी बाजार, सिद्धार्थनगर प्रधानाचार्य अभ्यास वर्ग - 22 से 28 मई 2017 स्थान - रामबाग, बस्ती , में आयोजित है
प्रधानाचार्य बैठक - 22, 23 अप्रैल २०१७ स्थान - रायबरेली प्रधानाचार्य अभ्यास वर्ग - 20 से 26 मई 2017 स्थान - निरालानगर लखनऊ, में आयोजित है
विद्या भारती के चारों प्रांतों का व्यक्तित्व विकास वर्ग 03 मई से 10 मई 2017 तक आयोजित होगा.
02-04-2017 ko sampann hui jisme Manneey Domeshwar ji tatha Manneey Sriram Aravker ji ka margdarshn prapt hua.

संगठन

कार्य विस्तार

हमें जाने

बार्षिक कार्यक्रम

बालक बलवान बने, बलिष्ठ बने, अच्छा खिलाड़ी बने, उसकी शारीरिक क्षमताओं का विकास हो, ऐसा बालक ही देश और धर्म की रक्षा कर सकेगा. विद्या भारती के सभी विद्यालयों में सभी बालक शारीरिक दृष्टि से विकास करें, यह प्रयास एवं व्यवस्था की जाती है. इसी दृष्टि से कक्षानुसार शारीरिक शिक्षा का पाठ्यक्रम विशेषज्ञों ने बनाया है. शारीरिक शिक्षा का विशेष प्रशिक्षण देने के लिए क्षेत्रशः केंद्र स्थापित किये गए हैं. विद्या भारती राष्ट्रीय खेल-कूद परिषद् का गठन किया जा रहा है|
योग विद्या भारती की प्राचीन विद्या है. विश्व भर में इसको अपनाया जा रहा है. विद्या भारती का प्रयत्न है कि हमारे सभी बालक-बालिकाएं योगाभ्यासी बनें. योग के अभ्यास से शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक विकास उत्तम रीति से होता है - यह विज्ञान से एवं अनुभव से सिद्ध है. प्रत्येक प्रदेश एवं क्षेत्र में योग शिक्षा केंद्र स्थापित किये हैं. जहाँ प्रयोग एवं आचार्य प्रशिक्षण के कार्यक्रम चलते हैं. एक राष्ट्रीय स्तर पर भी योग शिक्षा संस्थान स्थापित करने की योजना विचाराधीन है|
बालक देश के भावी कर्णधार हैं. उनके चरित्र बल पर ही देश कि प्रतिष्ठा एवं विकास आधारित है. अतः नैतिकता, राष्ट्रभक्ति आदि मूल्यों की शिक्षा और जीवन के आध्यात्मिक दृष्टिकोण का विकास करने हेतु विद्या भारती ने यह पाठ्यक्रम बनाया है. यह समस्त शिक्षा प्रक्रिया का आधार विषय है. भारतीय संस्कृति, धर्म एवं जीवनादर्शों के अनुरूप बालकों के चरित्र का निर्माण करना विद्या भारती की शिक्षा प्रणाली का मुख्य लक्ष्य है.
संस्कृत हिन्दी भाषा की ही नहीं विश्व कि अधिकांश भाषाओँ की जननी है. संस्कृत साहित्य में भारतीय संस्कृति एवं भारत के प्राचीन ज्ञान-विज्ञान की निधि भरी पड़ी है. संस्कृत भाषा के ज्ञान के बिना उससे हमारे छात्र अपरिचित रहेंगे. संस्कृत भारत की राष्ट्रीय एकता का सूत्र भी है. विद्या भारती ने इसी कारण संस्कृत भाषा के शिक्षण को अपने विद्यालय में महत्वपूर्ण स्थान दिया है. विद्या भारती संस्कृत विभाग कुरुक्षेत्र में स्थित है. इस विभाग ने सम्भाषण पद्धति के आधार पर "देववाणी संस्कृतम" नाम से पुस्तकों का प्रकाशन भी किया है. संस्कृत के आचार्यों का प्रशिक्षण कार्यक्रम भी इस विभाग के द्वारा संचालित होता है|
संगीत वह कला है जो प्राणी के हृदय के अंतरतम तारों को झंकृत कर देती है. उदात्त भावनाओं के जागरण एवं संस्कार प्रक्रिया के माध्यम के रूप में संगीत का शिक्षण विद्या भारती के सभी विद्यालयों में सारे देश में चलता है. उच्च स्तर के गीत कैसेट तैयार कराए गए हैं. राष्ट्र भक्ति के गीतों का स्वर पूरे भारत में गूंजता है. जन्मदिवस के उत्सव हेतु गीत-कैसेट तैयार कराया है जो घर-घर में बजता है. संगीत शिक्षण का कक्षानुसार पाठ्यक्रम निर्धारित है. सभी भारतीय भाषाओँ में गीत छात्रों में प्रचलित हैं. भाषायें भिन्न हैं किन्तु भाव एक हैं. यह अनुभूति होती है |
इसके अंतर्गत तीन कार्यक्रम संचालित होते हैं.-
विद्या भारती ने प.पू. डॉ. हेडगेवार के जन्म शताब्दी वर्ष 1988-89 से अखिल भारतीय खेलकूद समारोह का आयोजन प्रारम्भ किया है. इस समारोह में बाल, किशोर, तरुण अर्थात कक्षा अष्टम तक, कक्षा दशम तक, कक्षा द्वादश तक के छात्र-छात्राएँ अलग-अलग समूहों में भाग लेते हैं. कबड्डी, खो-खो, कुश्ती, जूडो, वालीबाल आदि खेलकूद (एथलेटिक्स) के विषय रहते हैं. प्रत्येक खिलाड़ी अधिक से अधिक तीन खेलों में भाग ले सकता है. यह खेलकूद कार्यक्रम विद्यालय स्तर से प्रारम्भ होकर जिला, संभाग, प्रदेश, क्षेत्र एवं अंत में अखिल भारतीय स्तर तक संपन्न होता है. क्षेत्र में विभिन्न खेलों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ी छात्र-छात्राएँ ही अखिल भारतीय स्तर पर भाग ले सकते हैं |
ग्रामीण परिवेश में चलाया जा रहा विद्या भारती का यह विशेष प्रकल्प है |
भारत में सामान्यता प्राथमिक विद्यालयों में ६ वर्ष की आयु पूर्ण होने पर बालक कक्षा प्रथम में प्रवेश लेकर अपने औपचारिक शिक्षा आरम्भ करता है. 3 वर्ष से 6 वर्ष का उसका समय प्रायः परिवार में ही व्यतीत होता है. प्राचीन काल में भारत में जब परिवार संस्था सांस्कृतिक दृष्टि से सशक्त थी उस समय बालक परिवार के स्नेहपूर्ण वातावरण में रहकर योग्य संस्कार ग्रहण कर विकास करता था. माता ही उसकी प्रथम शिक्षिका होती थी. किन्तु आधुनिक काल में औद्योगिक विकास एवं पश्चिमी सभ्यता का प्रभाव विशेष रूप से नगरों में, परिवारों पर भी हुआ और इसके परिणामस्वरूप 2 वर्ष का होते ही बालक को स्कूल भेजने की आवश्यकता अनुभव होने लगी. नगरों में इस आयु वर्ग के बच्चों के लिए "मोंटेसरी", "किंडरगार्टन" या नर्सरी स्कूलों के नाम पर विद्यालयों की संख्या बढ़ने लगी. नगरों एवं महानगरों के गली-गली में ये विद्यालय खुल गए और संचालकों के लिए व्यवसाय के रूप में अच्छे धनार्जन करने के साधन बन गए.
आज विश्व में पर्यावरण प्रदूषण के कारण मानव समाज में भारी चिंता व्याप्त है. सभी देश इस प्रदूषण को रोकने के लिए प्रयत्नशील हैं. विद्या भारती ने भी अपने विद्यालयों में छात्रों द्वारा पर्यावरण शुद्धि हेतु वृक्षारोपण अभियान प्रारंभ किया है. छात्रों, आचार्यों एवं अभिभावकों में इस अभियान के कारण पर्यावरण के प्रति चेतना एवं प्रकृति के प्रति प्रेम का जागरण हो रहा है. उत्तर प्रदेश एवं महाकौशल प्रान्त में इस दिशा में योजनाबद्ध प्रयास हो रहा है. छात्रों द्वारा लाखों की संख्या में वृक्षारोपण प्रतिवर्ष किया जा रहा है. आशा है अन्य प्रदेशों में भी इस दृष्टि से अपेक्षित योजना बनाकर कार्य प्रारंभ हो जायेगा.
आचार्यों द्वारा परिवारों में जाकर अभिभावकों से संपर्क स्थापित करना विद्या भारती के विद्यालयों के शिक्षण एवं संस्कार प्रक्रिया का अंग माना जाता है. बालकों को अपनी संस्कृति, धर्म एवं सामाजिक चेतना के जो संस्कार विद्यालय में प्राप्त हो रहे हैं वे उन्हें परिवारों में भी मिलें तभी उनके जीवन का सही विकास संभव होता है. आचार्यों एवं अभिभावकों के निरंतर एवं सजीव संपर्क के कारण परिवारों में संस्कारक्षम वातावरण निर्मित करने में सफलता प्राप्त की है. पुण्यभूमि भारत, श्रीराम एवं अन्य महापुरुषों के चित्र, हिन्दू तिथि-पंचांग आदि लाखों के संख्या में परिवारों में पहुंचे हैं |
अनेक प्रान्तों में विद्या भारती का कार्य कई वर्षों से चलने के कारण अपने विद्यालयों में पढ़े हुए छात्र बड़ी संख्या में समाज में प्रतिष्ठित हो चुके हैं. इन पूर्व छात्रों से सतत संपर्क बना रहे, इस उद्देश्य से सभी विद्यालयों में एवं प्रांतीय स्तर पर "पूर्व छात्र परिषदों" का संगठन सक्रिय है. इससे उनके संस्कारों का तो पुनर्जागरण होता ही है, साथ ही विद्या भारती के अनेक सेवा प्रकल्पों में उनकी व्यक्तिगत तथा आर्थिक रूप में सक्रिय सहभागिता रहती है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश आदि अनेक प्रदेशों में लाखों की संख्या में पूर्व छात्र सक्रिय हैं.
साहित्यिक एवं संस्कृति ज्ञान परीक्षा सम्बन्धी पुस्तकें कुरुक्षेत्र से प्रकाशित होती हैं |
राष्ट्रीय, क्षेत्रीय एवं प्रदेश स्तर पर विद्या भारती की विद्वत परिषदें गठित हैं. देश के विख्यात शिक्षाविदों एवं शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को इन परिषदों में मानसेवी सदस्यों के रूप में रखा गया है. समय-समय पर आवश्यकतानुसार राष्ट्रीय, क्षेत्रीय एवं प्रदेश स्तर पर गोष्ठियां एवं सम्मेलन आयोजित किये जाते हैं. विद्या भारती को इन विशेषज्ञों एवं विद्वानों का परामर्श एवं मार्गदर्शन प्राप्त होता रहता है जिसके कारण कार्य को गति प्राप्त होती है |

स्वाधीनता प्राप्ति के उपरांत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक परमपूज्यनीय माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर गुरूजी ने भारतीय वातावरण के अनुकूल संस्कारक्षम शिक्षण पद्धति विकसित करने का विचार किया। इस हेतु 1952 में, संघ प्रेरणा से कुछ निष्ठावान लोग इस पुनीत कार्य में जुट गए, राष्ट्र निर्माण के इस कार्य में लगे लोगों ने नवोदित पीढ़ी को सुयोग्य शिक्षा और शिक्षा के साथ संस्कार देने के लिए "सरस्वती शिशु मंदिर" की आधारशिला गोरखपुर में पांच रुपये मासिक किराये के भवन में पक्की बाग़ में रखकर प्रथम शिशु मंदिर की स्थापना से श्रीगणेश किया|| इससे पूर्व कुरुक्षेत्र में गीता विद्यालय की स्थापना 1946 में हो चुकी थी, मन की आस्था, ह्रदय का विकास, निश्चय की अडिगता तथा कल्पित स्वप्न को मन में लेकर कार्यकर्ताओं के द्वारा अपने विद्यालयों का नाम, विचार कर "सरस्वती शिशु मंदिर" रखा गया, उन्हीं की साधना, तपस्या, परिश्रम व संबल के परिणामस्वरुप स्थान-स्थान पर "सरस्वती शिशु मंदिर" स्थापित होने लगे| उत्तर प्रदेश में शिशु मंदिरों के संख्या तीव्र गति से बढ़ने लगी. इनके मार्गदर्शन एवं समुचित विकास के लिए 1958 में शिशु शिक्षा प्रबंध समिति नाम से प्रदेश समिति का गठन किया गया| सरस्वती शिशु मंदिरों को सुशिक्षा एवं सद्संस्कारों के केन्द्रों के रूप में समाज में प्रतिष्ठा एवं लोकप्रियता प्राप्त होने लगी,इसी प्रयत्न ने 1977 में अखिल भारतीय स्वरुप लिया और विद्या भारती संस्था का प्रादुर्भाव हुआ|

वर्तमान युग में विज्ञान और तकनीकी का असीमित विकास हुआ है और हो रहा है. शिक्षा एक जीवंत संस्कार प्रक्रिया है जिसमें शिक्षक/आचार्य की भूमिका महत्वपूर्ण है. उसका स्थान यंत्र नहीं ले सकता. फिर भी शिक्षण सहायक सामग्री के रूप में आधुनिक विज्ञान-तकनीकी का उपयोग करने की दिशा में विद्या भारती प्रयत्नशील है. दृश्य-श्रव्य शिक्षण सामग्री के प्रयोग को प्रोत्साहन दिया जा रहा है. श्रव्य-ध्वनि मुद्रिकाएँ तैयार कराई गई हैं. जिनका अनेक विषयों के शिक्षण में उपयोग होता है. एक कैसेट्स एवं फिल्म लाइब्रेरी भी कुरुक्षेत्र में स्थापित की गयी है. इस शिक्षण तकनीकी विभाग के विकास की अनेक योजनायें विचाराधीन हैं.
लखीमपुर जिले में दुधवा नेशनल पार्क के घने जंगलों को पार करने पर भारत नेपाल सीमा पर स्थित है - चंदन चौकी गाँव जहाँ के सीमावर्ती ग्रामों में थारू जनजाति के लोग बड़ी संख्या में रहते है, जो बड़े गौरव के साथ अपने को महाराणा प्रताप का वंशज मानते है |
मुख्यालयः- केशवकृपा, सरस्वती कुंज, निरालानगर, लखनऊ -226020
सरस्वती शिशु मंदिर परिसर, पक्की बाग, गोरखपुर-273001
ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर परिसर, सिविल लाइन्स, प्रयाग (इलाहाबाद) 211001
केशव कृपा, सरस्वती कुञ्ज, निराला नगर, लखनऊ- 226020
सरस्वती शिशु मंदिर परिसर, 293- आनन्दपुरी, कानपुर- 208023

केशव कृपा, सरस्वती कुञ्ज, निराला नगर, लखनऊ- 226020

विद्या भारती से सम्बद्ध आवासीय विद्यालय इस समय देशभर में चल रहे हैं. लगभग हर प्रान्त में एक आदर्श आवासीय विद्यालय की स्थापना हो चुकी है. इन आवासीय विद्यालयों में बालक चौबीस घंटे रहता है. प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में जागरण से रात्रि दस बजे तक आदर्श दिनचर्या का पालन करते हुए वे शिक्षण और सद्संस्कारों के वातावरण में विकास करते हैं. ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में उच्च स्तर तो प्राप्त करते ही हैं, साथ ही भारतीय संस्कृति, धर्म एवं राष्ट्र भक्ति आदि जीवन मूल्यों से उनका जीवन पुष्पित एवं पल्लवित होकर सद्गुणों से सुगन्धित होता रहता है. दिनभर में इस समय 66 आवासीय विद्यालय हैं.
आचार्यों के द्वारा शिक्षण में नए-नए प्रयोग एवं शोध (रिसर्च) करने के लिए, जबलपुर, उज्जैन, जयपुर, चंडीगढ़, मेरठ और वाराणसी में शोध केंद्र खोले गए हैं. भारतीय शिक्षा शोध संस्थान, लखनऊ में स्थित है. जहाँ से "भारतीय शिक्षा शोध पत्रिका" का प्रकाशन नियमित रूप से होता है. यह पत्रिका विशेष रूप से आचार्यों के लिए प्रेरणादायक एवं लाभप्रद है. शोध कार्य का मुख्य क्षेत्र शिक्षण पद्धति, भारतीय शिक्षा मनोविज्ञान, अभिवृत्तियों का मापन, परीक्षण एवं उपलब्धियों का मूल्यांकन आदि करना है.
वार्षिक पत्रिका संपादक उमाशंकर मिश्र पृष्ठ संख्या १०० मूल्य 25 वर्ष २०१४-२०१५
बच्चों के लिए
आचार्य एवं अभिभावकों के लिए

Fundamental of Computers

Fundamental of C

Vol 1

Pages 225

Price 100/- Rs.

http://vbeup.vbeastup.org/UserImages/vb1.pdf

 

Rajendra prasad

JEE ( MAINS ) में उत्तीर्ण भैया/बहिनों की संख्या

प्रिय बंधुओं ,

सभी के लिए हर्ष का विषय कि अपने सरस्वती विद्या मंदिरों में से 14 विद्या मंदिरों से आई सूचना के अनुसार 119 भईयाओं का चयन आई.आई.टी. mains के लिए हुआ है जिनमें लगभग ५०भईया अच्छी रैंक प्राप्त कर सके हैं . इस विशेष सफलता के लिये आचार्य एवं प्रधानाचार्य बंधू साधुवाद के पात्र हैंइसकी एडवांस परीक्षा के लिए शुभकामनायें हैं.

1.

ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कालेज

सिविल लाइन्स

प्रयाग

15

2.

ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कालेज

गंगापुरी रसूलाबाद

प्रयाग 

09

3.

रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कालेज

राजापुर

प्रयाग

09

4.

सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कालेज

कादीपुर

सुलतानपुर

05

5.

सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कालेज

 लालगंज

प्रतापगढ़

01

6.

विवेकानन्द वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय

शक्तिनगर

सोनभद्र

02

7.

सरस्वती विद्या मन्दिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय

विवेकानन्द

सुलतानपुर 

08

8.

सरस्वती विद्या मन्दिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय

रामबाग

बस्ती

19

9.

सरस्वती वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय

देवरिया खास

देवरिया

09

10.

नागाजी सरस्वती विद्या मन्दिर

(सीनियर सेकेण्ड्री) माल्देपुर

बलिया       

15

11.

सरस्वती शिशु मन्दिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय

सुभाषचन्द्र बोस नगर

गोरखपुर

12

12.

रघुवर प्रसाद जायसवाल सरस्वती शिशु मन्दिर इण्टर कालेज

तेतरी बाजार

सिद्धार्थ नगर

06

13.

J.K.G.P.S.V.M.  इण्टर कालेज

लहरपुर

सीतापुर

03

14.

सरस्वती विद्या मन्दिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय

सेक्टर क्यू अलीगंज

लखनऊ

 06

    कुल        119 


SVM Rambagh Basti

Principal, (Arvind Singh)

Total Result 

97.15%

Appear Student

246

Pass

239

Above 90%

  15

Above 75%

  69

Above 60%

  109

Above 45%

  33

कंप्यूटर प्रोग्रामिंग  (Ancient Programming ) के पिताश्री: महर्षि पाणिनि 

महर्षि पाणिनि के बारे में बताने पूर्व में आज की कंप्यूटर प्रोग्रामिंग किस प्रकार कार्य करती है इसके बारे में कुछ बताना चाहूँगा

आज की कंप्यूटर प्रोग्रामिंग भाषाएँ जैसे C, C++, Java आदि में प्रोग्रामिंग हाई लेवल लैंग्वेज (high level language) में लिखे जाते है जो अंग्रेजी के सामान ही होती है | इसे कंप्यूटर की गणना सम्बन्धी व्याख्या (theory of computation) जिसमे प्रोग्रामिंग के syntex आदि का वर्णन होता है, के द्वारा लो लेवल लैंग्वेज (low level language) जो विशेष प्रकार का कोड होता है जिसे mnemonic कहा जाता है जैसे जोड़ के लिए ADD, गुना के लिए MUL आदि में परिवर्तित किये जाते है | तथा इस प्रकार प्राप्त कोड को प्रोसेसर द्वारा द्विआधारी भाषा (binary language: 0101) में परिवर्तित कर क्रियान्वित किया जाता है |

इस प्रकार पूरा कंप्यूटर जगत Theory of Computation पर निर्भर करता है |

इसी Computation पर महर्षि पाणिनि (लगभग 500 ई पू) ने एक पूरा ग्रन्थ लिखा था

महर्षि पाणिनि संस्कृत भाषा के सबसे बड़े व्याकरण विज्ञानी थे | इनका जन्म उत्तर पश्चिम भारत के गांधार में हुआ था। कई इतिहासकार इन्हें महर्षि पिंगल का बड़ा भाई मानते है | इनके व्याकरण का नाम अष्टाध्यायी है जिसमें आठ अध्याय और लगभग चार सहस्र सूत्र हैं। संस्कृत भाषा को व्याकरण सम्मत रूप देने में पाणिनि का योगदान अतुलनीय माना जाता है। अष्टाध्यायी मात्र व्याकरण ग्रंथ नहीं है। इसमें प्रकारांतर से तत्कालीन भारतीय समाज का पूरा चित्र मिलता है। 
इनके द्वारा भाषा के सन्दर्भ में किये गये महत्त्व पूर्ण कार्य 19वी सदी में प्रकाश में आने लगे |
19
वी सदी में यूरोप के एक भाषा विज्ञानी Franz Bopp (14 सितम्बर 1791 – 23 अक्टूबर 1867) ने श्री पाणिनि के कार्यो पर गौर फ़रमाया । उन्हें पाणिनि के लिखे हुए ग्रंथों में तथा संस्कृत व्याकरण में आधुनिक भाषा प्रणाली को और परिपक्व करने के नए मार्ग मिले |

इसके बाद कई संस्कृत के विदेशी चहेतों ने उनके कार्यो में रूचि दिखाई और गहन अध्ययन किया जैसे: Ferdinand de Saussure (1857-1913), Leonard Bloomfield (1887 – 1949) तथा एक हाल ही के भाषा विज्ञानी Frits Staal (1930 – 2012).

तथा इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए 19वि सदी के एक जर्मन विज्ञानी Friedrich Ludwig Gottlob Frege (8 नवम्बर 1848 – 26 जुलाई 1925 ) ने इस क्षेत्र में कई कार्य किये और इन्हें आधुनिक जगत का प्रथम लॉजिक विज्ञानी कहा जाने लगा |

जबकि इनके जन्म से लगभग 2400 वर्ष पूर्व ही श्री पाणिनि इन सब पर एक पूरा ग्रन्थ लिख चुके थे

अपनी ग्रामर की रचना के दोरान पाणिनि ने Auxiliary Symbols (सहायक प्रतीक) प्रयोग में लिए जिसकी सहायता से कई प्रत्ययों का निर्माण किया और फलस्वरूप ये ग्रामर को और सुद्रढ़ बनाने में सहायक हुए |

इसी तकनीक का प्रयोग आधुनिक विज्ञानी Emil Post (फरवरी 11, 1897 – अप्रैल 21, 1954) ने किया और आज की समस्त computer programming languages की नीव रखी | 
Iowa State University,
अमेरिका ने पाणिनि के नाम पर एक प्रोग्रामिंग भाषा का निर्माण भी किया है जिसका नाम ही पाणिनि प्रोग्रामिंग लैंग्वेज रखा है: यहाँ देखे - http://www.paninij.org/

एक शताब्दी से भी पहले प्रिसद्ध जर्मन भारतिवद मैक्स मूलर (१८२३-१९००) ने अपने साइंस आफ थाट में कहा -

"मैं निर्भीकतापूर्वक कह सकता हूँ कि अंग्रेज़ी या लैटिन या ग्रीक में ऐसी संकल्पनाएँ नगण्य हैं जिन्हें संस्कृत धातुओं से व्युत्पन्न शब्दों से अभिव्यक्त न किया जा सके । इसके विपरीत मेरा विश्वास है कि 2,50,000 शब्द सम्मिलित माने जाने वाले अंग्रेज़ी शब्दकोश की सम्पूर्ण सम्पदा के स्पष्टीकरण हेतु वांछित धातुओं की संख्या, उचित सीमाओं में न्यूनीकृत पाणिनीय धातुओं से भी कम है ।

अंग्रेज़ी में ऐसा कोई वाक्य नहीं जिसके प्रत्येक शब्द का 800 धातुओं से एवं प्रत्येक विचार का पाणिनि द्वारा प्रदत्त सामग्री के सावधानीपूर्वक वेश्लेषण के बाद अविशष्ट 121 मौलिक संकल्पनाओं से सम्बन्ध निकाला न जा सके ।"

The M L B D News letter ( A monthly of indological bibliography) in April 1993, में महर्षि पाणिनि को first softwear man without hardwear घोषित किया है। जिसका मुख्य शीर्षक था " Sanskrit software for future hardware "
जिसमे बताया गया " प्राकृतिक भाषाओं (प्राकृतिक भाषा केवल संस्कृत ही है बाकि सब की सब मानव रचित है ) को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के लिए अनुकूल बनाने के तीन दशक की कोशिश करने के बाद, वैज्ञानिकों को एहसास हुआ कि कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में भी हम 2600 साल पहले ही पराजित हो चुके है। हालाँकि उस समय इस तथ्य किस प्रकार और कहाँ उपयोग करते थे यह तो नहीं कह सकते, पर आज भी दुनिया भर में कंप्यूटर वैज्ञानिक मानते है कि आधुनिक समय में संस्कृत व्याकरण सभी कंप्यूटर की समस्याओं को हल करने में सक्षम है।

व्याकरण के इस महनीय ग्रन्थ मे पाणिनि ने विभक्ति-प्रधान संस्कृत भाषा के 4000 सूत्र बहुत ही वैज्ञानिक और तर्कसिद्ध ढंग से संगृहीत हैं।

NASA के वैज्ञानिक Mr.Rick Briggs.ने अमेरिका में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (artificial intelligence) और पाणिनी व्याकरण के बीच की शृंखला खोज की। प्राकृतिक भाषाओं को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के लिए अनुकूल बनाना बहुत मुस्किल कार्य था जब तक कि Mr.Rick Briggs. द्वारा संस्कृत के उपयोग की खोज न गयी।
उसके बाद एक प्रोजेक्ट पर कई देशों के साथ करोड़ों डॉलर खर्च किये गये।

महर्षि पाणिनि शिव जी बड़े भक्त थे और उनकी कृपा से उन्हें महेश्वर सूत्र से ज्ञात हुआ जब शिव जी संध्या तांडव के समय उनके डमरू से निकली हुई ध्वनि से उन्होंने संस्कृत में वर्तिका नियम की रचना की थी। तथा इन्होने महादेव की कई स्तुतियों की भी रचना की |

नृत्तावसाने नटराजराजो ननाद ढक्कां नवपञ्चवारम्।
उद्धर्त्तुकामो सनकादिसिद्धानेतद्विमर्शे शिवसूत्रजालम्॥ -माहेश्वर सूत्र

पाणिनीय व्याकरण की महत्ता पर विद्वानों के विचार:

"पाणिनीय व्याकरण मानवीय मष्तिष्क की सबसे बड़ी रचनाओं में से एक है" (लेनिन ग्राड के प्रोफेसर टी. शेरवात्सकी)।

"पाणिनीय व्याकरण की शैली अतिशय-प्रतिभापूर्ण है और इसके नियम अत्यन्त सतर्कता से बनाये गये हैं" (कोल ब्रुक)।

"संसार के व्याकरणों में पाणिनीय व्याकरण सर्वशिरोमणि है... यह मानवीय मष्तिष्क का अत्यन्त महत्त्वपूर्ण अविष्कार है" (सर डब्ल्यू. डब्ल्यू. हण्डर)।

"पाणिनीय व्याकरण उस मानव-मष्तिष्क की प्रतिभा का आश्चर्यतम नमूना है जिसे किसी दूसरे देश ने आज तक सामने नहीं रखा"। (प्रो. मोनियर विलियम्स)

ये है भारतीय हिन्दू सनातन संस्कृति की महानता एवं वैज्ञानिकता

 

https://www.facebook.com/cmadityanath/photos/a.1809298105976953.1073741828.1809007566006007/1887829438123819/?type=3

सरस्वती कुंज निराला नगर लखनऊ में विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के 10 दिवसीय क्षेत्रीय पुनश्चर्या कार्यक्रम तृतीय चक्र में विद्या भारती के लक्ष्य पर प्रशिक्षार्थियों का मार्ग दर्शन क्षेत्रीय संगठन मन्त्री माननीय डोमेश्वर साहू जी द्वारा किया गया | 

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